(१)
तुम्हारा आना यूँ
बेधङक मेरी जिन्दगी मे
कोई इत्तेफाक तो नहीं
तुम कैसे आये
अहसास तक ना हुआ
आज मैं खुद से ज्यादा
तुम्हें चाहती हूँ
ये कोई जादू या
कहीं कोई
साजिश तो नहीं
मुझे,
मुझसे दूर करने की
बताओ????
(२)
बांये हाथ की
रेखाओं को जोङकर
दांये हाथ से देखा
तो पाया
कि किस्मत
बहुत रंगीन रंग
दिखाने वाली है
हाँ तुम्हारे
हिस्से कि रेखाओं को
जोङकर ही तो
हथेली का आधा
चाँद उगा था