नीचे अम्मा टीवी से चिपकी बिना पलक झपकाये महाभारत के द्रौपदी, द्रुयोधन संवाद को कुछ ऐसे देख रही हैं जैसे कल परिक्षा देनी हो छत पर चढा पिन्टू बीच बीच मे चिल्लाकर पूछ रहा है अब ठीक है, अब बताओ.. अम्मा बोलो भी क्या अब ठीक हुआ... अम्मा अजीब सा मुँह बनाये जैसे किसी खेलते बच्चे को बीच में छेड दिया हो चिडकर बोलती है नहीं अभी नहीं गुप्ता जी के घर कि तरफ घुमाओ, हाँ-हाँ थोडा ठीक है. बस-बस पिन्टू एकदम ठीक हो गया ऐसे ही करे रहो. अरे अम्मा तार पकडे हूँ... ऐसे थोडे ही ना तार पकङे रहूँगा. अम्मा चीखीं अरे पिन्टू फिर से खराब हो गया.
लग रहा था कलाकार टीवी से निकलकर घर मे आ घुसे हैं और अब यहीं अम्मा और पिन्टू द्रौपदी, द्रुयोधन संवाद पूरा करेगें...पिन्टू पसीने से लथपथ नीचे आ गया है, क्या अम्मा ये अजीब तमाशा है रोज़ का कितनी मर्तबा कहा है बाबूजी को, नया ऐन्टीना ले आये लेकिन सुनता कौन है, टीवी भी साफ आना चहिये और पैसा भी नहीं खर्च करना है. लेकिन अम्मा को तो सिर्फ अफसोस है आज इतना इम्पोटेंन्ट ऐपिसोड मिस हो गया रिपीट टैलीकास्ट भी तो नहीं होता.
-------------------------------------------------------------------------------------------------
आज २६ जनवरी है, अम्मा नाश्ता पानी लेकर बिलकुल तैयार बैठी है पिन्टू के साथ दयानंद कालोनी में रहने वाले सिन्हा जी के यहाँ जाना है कल ही रात सारी योजना बना ली थी कि, इस साल की परेड कलर टीवी में देखनी है, क्योंकी अम्मा ने मिसेज़ गुलाटी को कई बार कहते सुना था... परेड देखने का मज़ा तो कलर टीवी में ही है. क्या सुंदर झाँकियाँ दिखती है फिर सजे हुये हाथी-ऊँट पर बैठे स्कूली बच्चे. सभी प्रान्त के सिपाही अपनी-अपनी यूनिफार्म में... स्कूली बच्चों के लोक नृत्य... बस तभी से अम्मा ने सोचा था किसके घर जाकर २६ जनवरी की परेड देखी जाये.
सिन्हा जी से बाबूजी कि पुरानी जान पहचान हैं, अपनी सुनार कि दुकान चलाते है, खूब पैसा कमाते है, मोहल्ले में तीन चार लोग ही हैं जिनके यहाँ कलर टेलीविज़न है, केबल कनेक्शन भी लिया है पिन्टू को जब भी मालूम पडता है कि कोई नई फिल्म आनी है तो कोई ना कोई बहाना करके पँहुच जाता है उनके वहाँ.
आज अम्मा और पिन्टू ने ठान रखा है की बाबूजी के आते ही उन्हें बोलेगें कलर टीवी लेने को.
-------------------------------------------------------------------------------------------------