Wednesday, April 06, 2022

बदनाम लड़कियाँ

 छापे मारकर लायी गई लड़कियाँ

अपने सीने के उभार  को दुपट्टे में छुपाती

 

शिनाख्त ना हो पाने की कवायत में

मुँह को कपडे में ढाँपती

लगभग धकेली हुई

थाने ले जाती हुई लड़कियाँ

 

अपने पैर के अंगूठे से फर्श को कुरेदती

दीवारों को एक टक  ताकती

 

किस्मत को कोसती, माँ बाप को धिक्कारती

थाने में लाइन से खड़ी की गई लड़कियाँ

 

कुछ गंभीर, कुछ बेपरवाह, कुछ सजल

जवानी की मैराथन में हांफती, निढ़ाल सी

गुमसुम, गुमशुदा सी लड़कियाँ

 

विस्थापन से स्थानन की ओर

समाज से बहिष्कृत, गरीबी से त्रस्त

समाज में स्वकृति से वंछित

कुछ बदचलन सी लड़कियाँ

 

ठीक हमारे घर जैसी

लेकिन थोड़ी अलग

दिल में सैकड़ो सवाल लिए

ज़बान को  बंद किये

हमारे गली मोहल्ले सी दिखती

थाने में खड़ी लड़कियाँ

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