Saturday, July 22, 2006

"बेचारा बिजुका"

खेत पर खङा
बिजुका
अपने दोंनों हाथ
फैलाये
अक्सर ये
सोचता होगा
कि क्या
किसान उसे
कभी
धन्यवाद कहेगा

3 comments:

अनूप शुक्ल said...

कहेगा शायद फसल पक,बच और कट जाने के बाद।

Anonymous said...

आत्मा-परमात्मा की तरह बिजका किसान का ही तो प्रतिरुप है।
-प्रेमलता

प्रवीण परिहार said...

धन्यवाद तो शायद
बिजुका कहता होगा
उस किसान को जिसने उसे,
उसके जीवन का एक आधार दिया,
एक अर्थ दिया।