आज तुम
बहुत याद आ रहे हो
ये शायद गलत हो कि
तुम्हें अपने
ख्यालों तक में लाँऊ
पर मजबूर हूँ
अपने दिल के हाथों
दुनिया भर कि
गलत आदतें थीं तुम में
तभी तो
नकार दिया था तुम्हें
और तुम्हारे प्यार को
लेकिन आज
अहसास होता है
कि काश
तुम होते मेरे पास
प्यार से अपना हाथ
मेरे माथे पर फिराने
+++++++++++++++
5 comments:
सुंदर अभिव्यक्ति !
बहुत ख़ूबसूरत. कितना सरल. कितना सहज. कितना ख़ूबसूरत.
बहुत सुंदर
Apnapan sa lag raha hai kavita ke saath
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !
Post a Comment