Wednesday, March 08, 2006
दायरे.....
वो दायरे
तुम्हीं ने तो बनाये थे
हमारे रिश्ते के बीच
और आज
तुम ही पूछते हो
क्यों तुम
इतनी पराई लगती हो...??
2 comments:
अनूप भार्गव
said...
अच्छी कविता है संगीता ।
आज ही तुम्हारा ब्लौग देखा । बधाई ...
1:59 AM
संगीता मनराल
said...
शुक्रिया अनूप जी,
11:37 AM
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2 comments:
अच्छी कविता है संगीता ।
आज ही तुम्हारा ब्लौग देखा । बधाई ...
शुक्रिया अनूप जी,
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