Wednesday, June 07, 2006

तुम मुझे
बिलकुल पंसद नहीं
लेकिन फिर भी
तुम्हारा जिक्र
अक्सर
मेरी बातों मे
आ जाता है

++++++++++++++

6 comments:

Pratyaksha said...

अच्छी लगी

Anonymous said...

बहुत सुंदर

Anonymous said...

Hey what a great site keep up the work its excellent.
»

Anonymous said...

ये तो गजब की ह्रदय से महसूस करने वाली बात है ।

प्रवीण परिहार said...

यूँ ही बातों में जिक्र आते-आते एक दिन नापसंद पसंद बन जाती हैं।

Rati said...

kyaaa baat he , behad sateek