तुम इस ब्रहमाण्ड में विद्यमान
कण जैसी
ढूंढती हो रोज मुझे
हर रात सैकड़ो करोडो
जगमगाते सितारों के बीच
दूरबीन तुम्हारी
टटोलती है ठिकाना मेरा
मैं इंतज़ार में रहता हूँ कई मर्तबा
की कब तुम आओगी
और खोलोगी कई राज़ मेरे
अभी कितनी ही उम्र और लगेगी मुझे
जगमगाता सितारा बनने को
क्या करोगी इंतज़ार तब तक या
छोड़ दोगी ठीक वैसे ही जैसे
छोड़ दिया था मुझे बीते जमाने में
मेरी तन्हाइयों के साथ
मैं तब से अब तक धधक रहा हूँ
कई ताबिश अपने सीने में छुपाये
बस अब सब्र नहीं होता जल्द ये आग ख़त्म हो
और मैं मिल जाऊं इस असीम शक्ति में।
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