Friday, June 08, 2007

संगम तट - इलाहाबाद


5 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

सुन्‍दर

Udan Tashtari said...

अरे वाह!! कब घूम आईं आप इलाहाबाद?

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

सँगीता,
सुँदर चित्र है ...पँख फडफडाते पक्षी छवि को एक जीवित अहसास दे रहे हैँ
यही तुन्हारे इनर वोएस का कवि है जिसने ये द्रश्य देखकर, सदा के लिये
इस चित्र के जरिये,प्रस्तुत किया है !
बहुत स्नेह के साथ,
-- लावण्या

प्रवीण परिहार said...

बहुत खुबसूरत

सुनीता शानू said...

बहुत सुन्दर चित्र है संगीता जी बिल्कुल एक कवि की कल्पना की तरह उड़ान भरते...

सुनीता